पूरे विश्व के लिए आज मेन्टल हेल्थ एक चुनौती है. दिन ब दिन मानसिक स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं बढ़ती जा रही है. डिप्रेशन और एंग्जायटी जैसी मेन्टल हेल्थ समस्याएं अक्सर देखने व सुनने को मिलती हैं. अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और खुद को मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए इस आर्टिकल में कुछ सुझाव दिए जा रहें हैं, जिनको आप अपने जीवन में ढाल कर खुद के मानसिक स्वास्थ को बेहतर कर सकते हैं.
ज्यादातर लोगों का मानना है की अकेले होने पर अच्छे आइडियाज आते हैं। शांति और सुकून मिलता है। अपने लक्ष्य को पाने की इच्छाशक्ति मजबूत होती है। पर मानसिक स्वास्थ्य को मजबूती देने के लिए परिवार और समाज का साथ मिलना जरूरी है। भारत में पुराने समय से यह माना जाता रहा है कि परिवार और समाज का साथ मिलने पर दिमाग नकारात्मक भावों से दूर रहता है। जबकि वहीं अकेलापन आपको मानसिक रूप से बीमार बना सकता है।
अपने दोस्तों, परिवार व रिश्तेदारों का का साथ हर व्यक्ति के समग्र व्यक्तित्व विकास के लिए जरूरी है। इससे मेंटल हेल्थ इम्प्रूव होती है। कई रिसर्च भी इस बात पर सहमति जताते हैं। पर महानगरों में तो एकल परिवार (न्यूक्लियर फैमिली) का चलन है। भागदौड़ वाली जिंदगी में लोगों के पास इतनी फुर्सत भी नहीं है कि वे एक-दूसरे के लिए समय निकाल सकें। जिससे मेन्टल हेल्थ सम्बन्धी समस्याएं में इजाफा हुआ है.
अपनाएं ये उपाय
1 लोगों के साथ मिलने जुलने का सिलसिला जारी रखें
अमेरिकन जर्नल ऑफ साइकाएट्री के एक रिपोर्ट के अनुसार, मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याओं में इसलिए बढ़ोतरी हो रही है, क्योंकि लोग आपस में मिलते-जुलते नहीं हैं। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार लोगों के साथ मिलना और दोस्तों व परिवार के साथ वक्त बिताने से मानसिक स्वास्थ को बेहतर बनता है. घर-ऑफिस के काम से जब भी फुर्सत मिले, सगे-संबंधियों, परिचितों से मिलने की कोशिश करें। छुट्टी के दिनों में बैकलॉग निपटाने की बजाय लोगों से मिलें। लोगों से मिलने पर आपकी कई समस्याओं का निदान बातचीत से हो जाएगा। लोगों से बातचीत करते समय टीवी- मोबाइल ऑफ रखें। दूर रह रहे लोगों से बात करने के लिए व्हाटसएप या दूसरे एप की मदद ले सकती हैं।
2 सक्रिय रहें और आउटडोर एक्टिविटीज करें
अक्सर आपने देखा होगा कि जब आप काम में बहुत बिजी रहतें हैं, तो आपको किसी प्रकार का शारीरिक दर्द नहीं सताता है। सक्रिय रहने से न सिर्फ फिजिकल हेल्थ ही नहीं, बल्कि मेंटल हेल्थ भी इम्प्रूव होती है। स्टडी बताती है कि जो लोग जीवनपर्यंत सक्रिय बने रहे, उन्हें अल्जाइमर, डिमेंशिया होने का जोखिम कम रहा। तैराकी, साइकिलिंग, डांसिंग जैसी मजेदार एक्टिविटी भी आप अपना सकती हैं।
3 नई चीजें सीखे और अपने स्किल को बढ़ाएं
व्यस्तता में रहने की वजह से अपनी पसंद का जो काम नहीं सीख पाएं, उसे सीखने के लिए जरूर वक्त निकालें। स्टेन्फोर्ड यूनिवर्सिटी की स्टडी बताती है कि नई स्किल और नए काम सीखने से मेंटल हेल्थ इम्प्रूव होती है। अगर आप ज्यादा समय नहीं निकल सकते तो कम से कम 10 मिनट का समय निकाल कर कुछ नया सीखें. आप किताब पढ़ सकतें , गाने सुन सकते हैं, पेंटिंग कर सकतें. आप कोई भी हॉबी या स्किल को अपने जीवन में शामिल कर सकते हैं. इससे मेन्टल हेल्थ इम्प्रूव होता है.
4 दूसरों की सहायता करें
लोगों की मदद करने से न सिर्फ दिमाग मजबूत होता है। बल्कि आपके अंदर एक पॉजिटिविटी आती है. कई बार आपने देखा होगा की जब आप किसी जरुरतमंद की सहायता करते हैं तो आपको एक सुकून मिलता है. भले ही ये सुकून आपको क्षणिक लगता हो लेकिन ये आपके मानसिक स्वास्थ के लिए बहुत फायदेमंद है.
एक स्टडी रिपोर्ट के अनुसार सामजिक भलाई से जुड़े लोगों की मेंटल हेल्थ इम्प्रूव होती है। जरूरत पड़ने पर मदद करने से न सिर्फ दूसरों का भला होता है, बल्कि आपका दिमाग भी अच्छा महसूस करता है।
5 वर्तमान में जिये यानि मिंडफुल रहें
गीता में श्रीकृष्ण ने कहा है की भूत(पिछले वक्त ) और भविष्य (आने वाला वक्त ) की चिंता छोड़ कर वर्तमान (अभी का वक्त) में जिएं। गीता में कृष्ण की ये बात सिर्फ आध्यात्मिक ही नहीं है बल्कि कई रिसर्च इस बात को मानती है की वर्तमान में जीना यानि की माइंडफुल रहना मानसिक स्वास्थ के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद है. वर्तमान में जीने का मतलब होता है आप जिस समय जो काम कर रहे हैं उस समय आपका पूरा ध्यान सिर्फ उसी काम पर होना चाहिए. जिससे की आपकी एकाग्रता बढ़ने के साथ साथ आपका मानसिक स्वास्थ भी बेहतर रहेगा.
सार
मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं तेजी से बढ़ रही है, लेकिन हम अपने जीवन में अच्छी आदतों को शामिल करके अपने मेन्टल हेल्थ व फिजिकल हेल्थ को बेहतर कर सकतें है. मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, इसका मतलब है की हमें समाज के बीच में रहना चाहिए , एक दूसरे की सहायता करना चाहिए. जिससे की हम अपना व दूसरा का भला कर सकें.